फतेहपुर, मो. शमशाद । बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। भगवान राम का भेष में लंका पति रावण के पुतले दहन के कार्यक्रम के बीच लोगों ने एक दूसरे को पान खिलाकर दशहरा पर्व की बधाई दी। पान खिलाने की परंपरा की शुरुआत आल्हा के समय मे बुंदेलखंड के महोबा से बताई जाती है। बुंदेलखंड के महोबा जनपद में मिलने वाला पान का पत्ता पूरी दुनिया में अपनी खुशबू व स्वाद के लिए महशूर है। तब से चली आ रही पान खिलाने की परंपरा अब आधुनिक समय मे नये स्वरूप में बदलाव में है। शहरों में दशहरा उत्सव में जगह
स्टाल में पान की खरीददारी करते लोग। |
जगह रंग बिरंगे स्टाल लगाए जाते है। पान की ढेरों वेरायटी और अलग अलग टेस्ट मौजूद है। लोग आपसी मनमुटाव छोड़कर एक दूसरे को पान खिलाकर दशहरा की राम राम बोलकर उन्हें गले लगाते व बधाई देते है। शहर में सदर अस्पताल के निकट, बाकरगंज, चौक, मुराइन टोला, पीलू तले चौराहा, बस स्टॉप, आबूनगर, देवीगंज, राधानगर समेत प्रमुख मार्गों व चौराहों पर जगह जगह पान के स्टाल दिखाई दिए जिसमें लोगों की उमड़ती भीड़ देखकर दशहरा पर्व का महत्व और उल्लास का अंदाज़ा लगाया जा सकता था। मीठे पान की खुशबू व स्वाद के साथ लोग एक दूसरे के गले मिलते व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा का त्योहार की बधाई देते दिखाई दिए।
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