बेबस प्रशासन, रसूखदारों को मिला वीटा ?
छह मार्च को थी सडक सुरक्षा मीटिंग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में पेट्रोल पंपों पर मनमानी की हदें पार हो रही हैं। जब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया, तो लगा कि अब सुधार जरूर होगा, लेकिन जिले में पेट्रोल पंप संचालकों ने डीएम के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए साबित कर दिया कि उन्हेे किसी का खौफ नहीं। प्रशासन सख्ती बरतने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दबंग संचालकों पर कोई असर नहीं दिख रहा। बताते चलें कि 6 मार्च को हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम ने पेट्रोल पंपों की अव्यवस्थाओं पर सख्त नाराजगी जताई व कड़े निर्देश जारी किए। जिला पूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने साफ कहा कि पेट्रोल पंपों पर शौचालय, पीने का साफ पानी, टायरों में हवा व रेडिएटर के लिए पानी जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। प्रशासन ने चेतावनी दी कि जो संचालक इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इन निर्देशों के बावजूद दबंग संचालक अपने मनमाने रवैये पर कायम हैं।
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सफेद हाथी बनी हवा भरने की मशीन |
इन पेट्रोल पंपों पर नियमों के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। हवा भरने की मशीन तो रखी गई है, लेकिन जब कोई ग्राहक टायरों में हवा भरवाने जाता है, तो उसे टरका दिया जाता है। हवा के लिए अलग से कोई आदमी भी नहीं है। शौचालय, पीने का पानी व अन्य जरूरी व्यवस्थाएं यहां कोसों दूर हैं। प्रशासन की चेतावनी भी इन पेट्रोल पंप संचालकों के सामने बेअसर साबित हो रही हैं। जनता का सवाल लाजिमी है कि जब डीएम खुद कड़े निर्देश दे चुके हैं, तो पेट्रोल पंप संचालकों पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या प्रशासन की सख्ती सिर्फ आम लोगों के लिए है और रसूखदारों को वीटो मिला है?
कार्रवाई या खानापूर्ति ?
डीएसओ आनंद सिंह ने बताया किं छह मार्च की डीएम की मीटिंग में इन मामलों की जांच को एक कमेटी गठित की गई है जिसकी अध्यक्षता एसडीएम करेगें। मजे की बात है कि छह मार्च से अब तक सब कुछ वैसा ही है सिर्फ दबंग संचालक निरंकुश हो गए हैं। एसडीएम वैसे भी वर्कलोड से ओवरलोड हैं तो क्या यह मीटिंग सिर्फ दिखावा है ?
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