देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उन्नाव उत्तर प्रदेश आज दिनांक 3 अप्रैल 2025 को हिंदी रंगमंच दिवस के अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी जब्बार अकरम के निवास पर "उदय सांस्कृतिक संस्थान"उन्नाव के तत्वाधान में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ | वरिष्ठ रंगकर्मी जब्बार अकरम ने कहा 3 अप्रैल को हिंदी रंगमंच दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 3 अप्रैल 1868 को बनारस में पहली बार शीतला प्रसाद त्रिपाठी का नाटक “जानकी मंगल” का मंचन हुआ था जो की हिंदी रंगमंच के इतिहास में एक
महत्वपूर्ण बात है| और जब्बार अकरम ने कहा कि हिंदी रंगमंच की दशा बहुत अच्छी है हमारे उत्तर प्रदेश में हिंदी रंगमंच के बहुत से नाटक लगातार हो रहे हैं जिसमें लखनऊ उत्तर प्रदेश में अव्वल नंबर पर है| हिंदी रंगमंच गोष्ठी में रंगकर्मी राघवेंद्र सिंह, रंगकर्मी रफीक अहमद, रंगकर्मी अनुराग यादव, रंगकर्मी जया उपाध्याय, रंगकर्मी शफी अहमद खान और मोहम्मद आजम अकरम भी शामिल रहे|
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